भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत 18 दिन बिताने के बाद अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनकी वापसी की यात्रा 14 जुलाई को शुरू हुई, जब उन्होंने और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने क्रू ड्रैगन यान में सवार होकर ISS से अनडॉक किया। Read More...
वापसी की यात्रा
- अनडॉकिंग: 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे क्रू ड्रैगन यान ISS से अलग हुआ।
- स्प्लैशडाउन: 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे क्रू ड्रैगन यान कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरा।
- पुनर्वास कार्यक्रम: स्प्लैशडाउन के बाद, शुभांशु शुक्ला 7 दिन के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरेंगे, जिसमें वे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुकूल होने के लिए फ्लाइट सर्जन की देखरेख में रहेंगे।
अंतरिक्ष में किए गए प्रयोग
शुभांशु शुक्ला ने ISS पर कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें शामिल हैं
- बीज अंकुरण प्रयोग: मेथी और मूंग के बीजों को अंतरिक्ष में उगाया गया और उनकी तस्वीरें ली गईं। यह प्रयोग अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि और पोषण मूल्य को समझने के लिए किया गया था।
- माइक्रोएल्गी प्रयोग: अंतरिक्ष में माइक्रोएल्गी को उगाया गया और संग्रहित किया गया। यह प्रयोग भविष्य में लंबी अंतरिक्ष यात्राओं के लिए सस्टेनेबल लाइफ सपोर्ट सिस्टम तैयार करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
- स्यानोबैक्टीरिया: दो वैरिएंट्स की वृद्धि का अध्ययन किया गया, जो भविष्य में क्लोज़-लूप लाइफ सपोर्ट सिस्टम का हिस्सा हो सकते हैं।
गगनयान मिशन
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की नींव तैयार कर रही है, जिसे 2027 में लॉन्च किया जाना है। इस मिशन पर इसरो ने ₹550 करोड़ का निवेश किया है। गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की कक्षा में कई दिन बिताएंगे और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे³ ⁴।